Take that lady journalist
Thinks she is an evangelist
Trying to probe business deals
Ignoring wheels within the wheels
How can a woman have such gall?
Time to snoop on them all
मैया मोरी, मैं नहीं चंदा चुरायो
भोर भयो कागजन के पाछे, दफ्तरन मोही पठायो
चार पहर पूरा करके घोटाला, सांझ रजिस्ट्री करायो
मैया मोरी, मैं नहीं चंदा चुरायो
मैं सेवक शहरन को छोटो, पैसो किस विध पायो
आप वाप सब बैर पडे हैं, कागज प्रेस में दिखायो
ज़रा सी खांसी जो होती है तो दिल सोचता है
कहीं ये वो तो नहीं, कहीं ये वो तो नहीं
ज़रा सी खांसी होती है …
घुस के सीने में कोई जगह बना लेता है
हर दवाई को बता जैसे धता देता है
है उसी की ये सदा, है उसी की ये अदा
कहीं ये वो तो नहीं …
Let them eat dark chocolate,
Tweeted Marie Antoinette
With the bourbon dynasty
Things can really go nasty
In the face of adversity
You must spread positivity
कहां तो तय था पंद्रह लाख हरेक घर के लिये
कहां दवा भी मयस्सर नहीं शहर के लिये
यहां अस्पतालो के साये में मौत बैठी है
चलो यहाँ से कहीं दूसरे शहर के लिये
मै और मेरे तोतै, अक्सर ये बातें करते हैं ….
अगर करोना न होता तो ऐसा होता, जुमला चल जाता तो वैसा होता
अगर गोली न चलती तो ऐसा होता, दंगे हो जाते तो वैसा होता ….
नतीजे फिर ऐसे नहीं, वैसे होते
विरोधी हमारी जीत पे हैरां होते, हम उनकी हालत पे कितना हँसते
मैं और मेरे तोते, अक्सर ये बातें करते थे
अबकी बार दो सौ पार ……..,मगर,
ये कहाँSS आ गये हम, यूँ ही साथ साथ चलते
ये सारे ही नतीजे, चले हाSSथ से फिसलते
हमने जिसका हनन किया, पहले उसको नमन किया
अर्धसत्य का गरल बनाकर, उसपर डर की डाली चादर
हर भाषण में, हर प्रचार में हमने विष का वमन किया
हर अच्छे मौके पर रखी हमने पक्की निगरानी
श्रेय बटोरा, आंच न आये, इसका पूरा जतन किया
गलतफहमी की ऐसी हवा बह चली
कि चार जानें हमें अलविदा कह चलीं
पट्टी बेबसी की आंखों पे ऐसी बंधी
किसी भीड़ में एहतियात की कमी ना खली
मेरी जींस से झांकते अंगों को घूरती हुई
उनकी फटी सी आंखें
और जो मुझपर फेंकना चाहते थे मन ही मन
वह उनकी अक्ल पर पडे हुए पत्थर
तिसपर सत्ता का चढ़ा हुआ अहंकार
जिसने झांका, मेरे मन के नहीं
ज
पंच परमेश्वर कहानी में खाला ने अलगु चौधरी से पूछा था “बेटा, बिगाड़ के डर से क्या ईमान की बात नहीं कहोगे?” उसे क्या पता था कि अलगु चौधरी, जुम्मन के दोस्तों की ही एक कमेटी बना देंगे जो यह तय करेगी के खाला की फसल को धन्नासेठों के हाथ बेचने का अधिकार जुम्मन का ही है ना!
क्या कहा? तुमपर हुआ बलात्कार! जरूर तुम्ही ने कुछ किया होगा
अपनी किसी अशालीनता से ‘बेचारे’ मर्द को उकसाया होगा
कपड़े जरूर तंग थे तुम्हारे, संस्कारों से दूर विदेशियत के मारे
अच्छा ss तुमने पहन रखी थी साड़ी?
जरूर होगी नाभिदर्शना, और पीठ उघाड़ने वाली
Supreme is the personal liberty
Thundered the pompous majesty
Conditions apply,
Whispered the ground reality
हमरी न मानो राजदीपवा से पूछो, राजदीपवा से पूछो
राजदीपवा से पूछो, जिस ने sssssssss …..
जिस ने रिया के संग छीना टीआरपी मोरा
इंडिया टुडे ने, इंडिया टुडे ने, इंडिया टुडे ने
इंडिया टुडे ने ले लीना टीआरपी मोरा, टीआरपी मोरा ….टीआरपी मोरा
तमिलनाडु से सांसद कनिमोझी हाल में दो बार सुर्खियों में रहीं. दोनों घटनाओं का संदर्भ एक ही था- हिंदी की अनावश्यक आक्रामकता! क्या थीं ये दो घटनाएं?
पहली तो थी एक सुरक्षाकर्मी की धृष्टता, जो एक सांसद की भारतीयता को हिंदी समझने की कसौटी पर तोलती है. दूसरी हैं सचिव स्तर के एक केंद्र सरकार के अधिकारी की हिंदी न जानने वाले सदस्यों को- जो शत प्रतिशत भारतीय नागरिक हैं- बैठक छोड़कर जाने की सलाह.