हमने जिसका हनन किया, पहले उसको नमन किया
अर्धसत्य का गरल बनाकर, उसपर डर की डाली चादर
हर भाषण में, हर प्रचार में हमने विष का वमन किया
हर अच्छे मौके पर रखी हमने पक्की निगरानी
श्रेय बटोरा, आंच न आये, इसका पूरा जतन किया
आनेवाले हर संकट पर पूरी थी अपनी तैयारी
औरों के कर्तव्य गिनाकर झटकी सारी जिम्मेदारी
तारीखों ने देखी होगी कभी न ऐसी मक्कारी
विपदा मे ही खोज के अवसर लोकतंत्र को दफन किया
हमने जिसका हनन किया, पहले उसको नमन किया
छवि सौजन्य: पिक्साबे