[सूरदास जी और अनूप जलोटा जी, दोनों से क्षमायाचना सहित]
मैया मोरी, मैं नहीं चंदा चुरायो
भोर भयो कागजन के पाछे, दफ्तरन मोही पठायो
चार पहर पूरा करके घोटाला, सांझ रजिस्ट्री करायो
मैया मोरी, मैं नहीं चंदा चुरायो
मैं सेवक शहरन को छोटो, पैसो किस विध पायो
आप वाप सब बैर पडे हैं, कागज प्रेस में दिखायो
मैया मोरी, मैं नहीं चंदा चुरायो
ये ले अपने कागज फर्जी, बहुत ही नाम हँसायो
पाठक गण तब, बिहँसे घडियाल जी, ले उर कंठ लगायो
नयन नीर भर आयो
भगत मेरे, तैं नहीं चंदा चुरायो
मैं क्लीन चिट दे दूं, तैं नहीं चंदा चुरायो
(निष्ठावान भगत से रहा नहीं जाता…)
ओ ऩेता मोरे, मैंने ही चंदा चुरायो,
रे चंदा चुरायो, हाँ चंदा चुरायो, चंदा चुरायो
(जुगलबंदी वायरल हो जाती है ….)
तैं नहीं चंदा चुरायो…., मैंने ही चंदा चुरायो…. तैं नहीं चंदा चुरायो…… मैंने ही चंदा चुरायो…
छवि सौजन्य: पिक्साबे