गलतफहमी की ऐसी हवा बह चली
कि चार जानें हमें अलविदा कह चलीं
पट्टी बेबसी की आंखों पे ऐसी बंधी
किसी भीड़ में एहतियात की कमी ना खली
हवस जीत की हावी हुई इस कदर
कि शराफत को कोई जगह ना मिली
बडे पिछड़े थे जो महज देश बांट पाये
हमें देखो हमने बांटी गली दर गली।
छवि सौजन्य: पिक्साबे