गलतफहमी की ऐसी हवा बह चली
कि चार जानें हमें अलविदा कह चलीं
पट्टी बेबसी की आंखों पे ऐसी बंधी
किसी भीड़ में एहतियात की कमी ना खली
मेरी जींस से झांकते अंगों को घूरती हुई
उनकी फटी सी आंखें
और जो मुझपर फेंकना चाहते थे मन ही मन
वह उनकी अक्ल पर पडे हुए पत्थर
तिसपर सत्ता का चढ़ा हुआ अहंकार
जिसने झांका, मेरे मन के नहीं
ज
पंच परमेश्वर कहानी में खाला ने अलगु चौधरी से पूछा था “बेटा, बिगाड़ के डर से क्या ईमान की बात नहीं कहोगे?” उसे क्या पता था कि अलगु चौधरी, जुम्मन के दोस्तों की ही एक कमेटी बना देंगे जो यह तय करेगी के खाला की फसल को धन्नासेठों के हाथ बेचने का अधिकार जुम्मन का ही है ना!
क्या कहा? तुमपर हुआ बलात्कार! जरूर तुम्ही ने कुछ किया होगा
अपनी किसी अशालीनता से ‘बेचारे’ मर्द को उकसाया होगा
कपड़े जरूर तंग थे तुम्हारे, संस्कारों से दूर विदेशियत के मारे
अच्छा ss तुमने पहन रखी थी साड़ी?
जरूर होगी नाभिदर्शना, और पीठ उघाड़ने वाली
कंपनी बहादुर कुछ अधीर से हो उठे थे. ग्लोबलायज़ेशन का जमाना था. धन अब नहीं बटोरें तो कब बटोरें? सारी दुनिया को देखो – हर कोई बहती डिजिटल गंगा में हाथ धो रहा है. अभूतपूर्व पैमाने पर धन संचित कर रहा है. एक हम हैं कि धीमी गति से चल रहे हैं – यह सारा चक्कर इस लोकतंत्र का है. धन अर्जन करने की राह में बस रोड़े ही रोड़े अटकाता है. वह सदाबहार एक्सपर्ट सही कह रहा था जरूरत से ज्यादा हो गया है लोकतंत्र हमारे यहां – वाकई टूss मच. तिसपर यह महामारी – अब ऐसे समय में पैसे बनाने हों तो मैदान साफ चाहिये. तभी तो होगी “इज़ आफ डूइंग बिझनेस”.
अब वह दिन नहीं रहे जब युधिष्ठिर का रथ जमीन से दो अंगुल ऊपर चला करता था. कलियुग में वह न सिर्फ वह धरती से लगकर चलता है बल्कि कीचड में दो अंगुल धंसकर चलता है. उनके रथ को अब कीचड से खासा लगाव है, या यों कहें कि धर्मराज का रथ कीचड में ही खिलता है.
Supreme is the personal liberty
Thundered the pompous majesty
Conditions apply,
Whispered the ground reality
कितनी बड़ी बात थी. शिवजी का धनुष्य बनना. डिजिटल ही सही – बना तो. बनाया था किसीने पिछले 70 सालों में? हाँ हाँ, शिव-धनुष्य 2.0 ऍप की ही बात हो रही है. कैसा धुआंधार प्रचार कर दिया उसका! मानो उस ऍप से ही भस्मासुर मर जाएगा. अब यह दीगर बात है कि असुर को कोई फर्क नही पड़ा – पर आप बीच में मत टोकिए यह सब पूछकर. हमने बता दिया सारे देश को की यह आपको तुरंत खबरदार कर देता है अगर भस्मासुर आस पास कहीं भी हो.
हमरी न मानो राजदीपवा से पूछो, राजदीपवा से पूछो
राजदीपवा से पूछो, जिस ने sssssssss …..
जिस ने रिया के संग छीना टीआरपी मोरा
इंडिया टुडे ने, इंडिया टुडे ने, इंडिया टुडे ने
इंडिया टुडे ने ले लीना टीआरपी मोरा, टीआरपी मोरा ….टीआरपी मोरा
High-Funda was determined. Patiently he got the corpse onto his shoulders from the roof of the main building (MB in IIT-B) and began climbing down the stairs. Vetaal said, “Hey High-Funda! I admire your perseverance, but sometimes I doubt your intentions. I wonder if, after capturing me, you would utilize me for the benefit of others or yourself. But I want to warn you up front. Do not use me for cogging (cogging is an IIT slang meaning cheating in tests) in tests and quizzes. God will punish you if you do that.”
तमिलनाडु से सांसद कनिमोझी हाल में दो बार सुर्खियों में रहीं. दोनों घटनाओं का संदर्भ एक ही था- हिंदी की अनावश्यक आक्रामकता! क्या थीं ये दो घटनाएं?
पहली तो थी एक सुरक्षाकर्मी की धृष्टता, जो एक सांसद की भारतीयता को हिंदी समझने की कसौटी पर तोलती है. दूसरी हैं सचिव स्तर के एक केंद्र सरकार के अधिकारी की हिंदी न जानने वाले सदस्यों को- जो शत प्रतिशत भारतीय नागरिक हैं- बैठक छोड़कर जाने की सलाह.
The cunning fox glanced wistfully at the grape vine. He has been eying this vine for a while. However, the clever farmer had trained the vine at a considerable height. He had fenced it carefully too, so that no one can reach the vine and pull it down easily.
चतुर लोमडी ने अंगूर की बेल को हसरत भरी नजर से देखा. इस बेल पर उसकी कई दिनो से निगाह थी. पर किसान ने उसे काफी उंचाई पर रखा था और सहेज कर भी ताकि उसे हाथ बढाकर नीचे न खींचा जा सके.
The parrot was very dear to the Emperor – the apple of his eye, in fact. Naturally, it became dear to each of the courtiers. Everyone was aware, of course, of the decree: any person who dares to break the news of Raaghu’s death would be beheaded forthwith!
Hi, how is it going?
What? Stranded abroad? How many of you?
Oh, that should not be a bother. Yes, a plane can be arranged. From the Air Force if necessary. After all, we also have some responsibilities towards our people.