Satish Balram Agnihotri blog - In a Land of Dirt Roads

खबरदार,
ट्रॅक्टर कुछ ज्यादा ही बिक रहे हैं
मगर ये आलीशान गाडियां नहीं
क्या अर्थव्यवस्था के लिये खतरे की
घंटी तो नहीं

पहिये के आकार से काफी फर्क पड जाता है
दमकती गाडी वाला राष्ट्र को, आगे बढ़ाता है
बाबू, लाला या हो वर्दीवाला, सबको फायदा पहुंचाता है

और ट्रॅक्टर ?
ट्रॅक्टर समाज को पीछे ले जाता है
महासत्ता के बजाय राष्ट्र को, कृषिप्रधान बनाता है

ट्रॅक्टरवाला किसान ही तो सारे
भ्रम फैलाता है
छोटा तो बस 500 रूपयों में
हर महीने खुश हो जाता है

देश के खिलाफ यह सचमुच, गहरा षडयंत्र है
ट्रॅक्टर चल पडा तो समझो, खतरे में लोकतंत्र है

गर किसान करने लग गये आंदोलनों की अगुवाई
तो क्या करेंगे बैठकर हम सब ….. मौसेरे भाई ?

छवि सौजन्य: पिक्साबे

No comments on ' ट्रॅक्टरों का षडयंत्र'

Leave your comment

In reply to Some User
 

You may also be interested in