Satish Balram Agnihotri blog - In a Land of Dirt Roads

टपोरी डायलाग देखकर, दिये वाल्मिकी रोय
छद्म राष्ट्रवाद के आगे, साबुत बचा न कोय
साबुत बचा न कोय, नहीं भगवान को छोड़ा
हनुमान की जिव्हा तक को तोड़ा और मरोड़ा

तोड़ा और मरोड़ा जी भर, ना ही शरम ना लाज
संस्कारी भक्तों की छाती ठंढ़ी हो गयी आज
ठंढ़ी हो गयी आज, बंधी है घिघ्घी सबकी
करें शिकायत भी तो बोलो किससे, किसकी

यह तो सारे नेताओं से ले बैठा है आशीर्वाद
हाथ पीठ पर धृतराष्ट्र का कहां करें फरियाद
कहां करें फरियाद, सांप-छूछूंदर की गत आयी
अपने धर्मग्रंथ पर कैसी नौबत आयी

कैसी नौबत आयी, कहां से सूझे ये संबाद
घर का कपूत ही कर देगा सारा घर बर्बाद
सारा घर बर्बाद, लगेगी अपनी लंका
महाकाव्य के टपोरीकरण का खूब पिटेगा डंका

छवि सौजन्य: पिक्साबे

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