Satish Balram Agnihotri blog - In a Land of Dirt Roads

राजा ने घोषित कर दिया - अमृत काल
रानी की ‘अर्थ’पूर्ण मुस्कान बोली - अमृत काल
हमें इतिहास लिखने से कौन रोक सकता है?
गरजा कोतवाल - अमृत काल

निरंकुश वर्दीजीवी कड़के - अमृत काल
सिफर बन चुके मंत्री चहके - अमृत काल
पूंजीपती तो और सराहें - अमृत काल, अमृत काल
भाट औ चारण लार टपकायें - अमृत काल .. अमृत काल
भाड़े के ट्विट्टू ट्रेंड करायें - अमृत काल - अमृत काल

पर विदूषक स्तब्ध था ........
देख पा रहा था कि काल
इन सब घोषणाओं से निर्विकार
चल रहा था तय राह पर
बांटते हुए चारों तरफ
भय, भूख औ भ्रष्टाचार
एक तरफ बढ़ती सत्तांधता,
दूसरी तरफ़ बेरोजगार
और लील रहा था धीरे धीरे हर उस गण को, जिसकी
सत्ता पर काबिज तंत्र के लिये
अब कोई अहमियत नहीं बची थी

छवि सौजन्य: पिक्साबे

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