(गुलशन बावराजी से क्षमायाचना सहित)
सांड को क्या मालूम
चर गया खेत को कोई चोर
वो आवारा खेत में घूमे
किसान मचाये शोर
ओS ओS ओS .. सांड को क्या मालूम…
खेत में घूमें, फसल ये खाये
देश कहीं ये चर ना जाये
चर ना जाये
अगर हाथ में इसके दे दी
सत्ता की बागडोर
ओS ओS ओS .. सांड को क्या मालूम…
गोबर से खुशहाली लाये
रोजगार के अवसर आयें
अवसर आयें
जनता क्या जाने ये गोबर
वाकई है अनमोल
ओS ओS ओS .. सांड को क्या मालूम…
सोच समझकर बटन दबाना
मतदाता तुम भूल न जाना
भूल न जाना
गलत पड़े गर वोट तो होगा
लोकतंत्र कमजोर
ओS ओS ओS .. सांड को क्या मालूम…
चर गया खेत को कोई चोर
छवि सौजन्य: पिक्साबे