Satish Balram Agnihotri blog - In a Land of Dirt Roads

नेता कहे किसान से, तू नहीं जाने मोय
ऱॅली का दिन आन दे, फिर रौंदूंगा तोय

नीचे गाड़ी के आयेगा, पिल्ला और किसान
पहला मन को दुख दे, दूजा तो शैतान

पंगा न हमसे लीजिये, गेंड़े की है खाल
डर हमको कैसा भला, सैंया खुद कोतवाल

न्याय की त्यौरी देखकर, दिया कबीरा रोय
कातिल घूमें संरक्षण में, मृतक ही दोषी होय

वोट में सुमिरन सब करें, बहुमत में करे न कोय
जो एक बार बहुमत मिले, फिर चुनाव क्योंकर होंय

आंदोलन टूटे लट्ठ से, ले जाये पुलिस उठाय
अबके बिछड़े तब मिलें, जब कुचलें ना जायें

छवि सौजन्य: पिक्साबे

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