भीख में मिले सम्मान का
रखने को झूठा मान
कौवे के लिये जरूरी था
करे गरूड का अपमान
कहावत “नंगे से ऊपरवाला भी डरता है”
पूरी हुई चरितार्थ
जब राजाश्रित नंगेपन के आगे
हुए सभी हतवाक्
पर हम यहां अपना पक्ष
करते हैं पूरा साफ
उस फिसली हुई जुबां को मन से
कभी नहीं करेंगे माफ
लेकिन हमारी चेतावनी भी सब कोई
सुन लें खोलकर कान
यह नंगई ही अब बनेगी
नये युग की पहचान !
छवि सौजन्य: पिक्साबे