घडियाल के आंसुओं ने, भेड़ियों तक
यह ख़बर पहुंचा दी
कि अब तुम्हे मिल गयी मेमनों के
शिकार की आजादी
मेमनों का दोष,
सब जानते हैं भली भांति
कि नये दौर में हैं वह
एक कमजोर प्रजाति
हर कमजोर प्रजाति की तरह
उन्हें पूरा अधिकार है
पिटने का, लूटे जाने का
दबने और अपमानित होने का
हक नही है उन्हे
कानून बतियाने का
या न्याय की बैसाखियां लेकर
हमें सजा दिलवाने का
अच्छा है व्यवस्था ने हमें रिहाकर
उसे उसकी औकात बता दी
नये जंगल का अब यही न्याय है
करवा दो चारों तरफ़ यह मुनादी
छवि सौजन्य: पिक्साबे