दिखी नोएड़ा के जंगलों में, दो नयी प्रजातियां
एक गोदी लोमड़ी, एक गोदी भेड़िया
गिरगिट जैसे रंग बदलते,
मालिक के फरमान पर चलते,
झूठ को झठ से सच में पलटते
सच को झूठा बता दिया
एक गोदी लोमड़ी, एक गोदी भेड़िया
जलती बस्ती नजर न आती
जिसपर इनकी रोटी सिंकती
इश्तहार की बोटी पर इनका
जमीर गिरवीं रख दिया
एक गोदी लोमड़ी, एक गोदी भेड़िया
पीड़ित पर हैं तंज ये कसते,
बेबस पर जोरों से बरसते
पर समरथ के आगे इनका,
सजदे में सर आ गया
जंगल राज की लोमड़ी, जंगल राज का भेड़िया
छवि सौजन्य: पिक्साबे