(राजेंद्र कृष्णजी से क्षमायाचना सहित)
कल उद्घाटन था आज इक हादसा हुआ
देखते ही देखते पुल ढ़ह गया
कल उद्घाटन था ......
मुझ को टूटे पुल का कोई ग़म नहीं
ग़म है टुटे पुल का क्यूँ चर्चा हुआ
कल उद्घाटन था ......
सिर्फ़ मैं और साथ गोदी मिड़िया
फ़िर भी हादसे का गजब चर्चा हुआ
कल उद्घाटन था ......
सोचता हूँ, हार अपनी देख कर
किस तरह दिख्खे घमंड़ टूटा हुआ
कल उद्घाटन था ......
छवि सौजन्य: इंडिया टुडे/पी टी आई